गठिया के मरीज़ों में दर्द निवारक दवा के इस्तेमाल से हो सकता है नुक़सान।
व्यक्ति दर्द निवारक दवाइयों का सेवन ज़्यादातर जोड़ो के दर्द को ठीक करने के लिए लेते हैं
जोड़ों व मांसपेशी के दर्द मोटे मोटे तोर पर तीन कारण होते हैं
१, गठिया बीमारी के करन जोड़ों में सूजन आना
२, osteoarthritis के कारण जोड़ों में गद्दी का घिस जाना
३, जोड़ व आस पास की मांसपेशी में चोट का लगना।
मरीज़ बड़ी आसानी से दर्द निवारक दवाइयों का सेवन करता है - देखा यह जता है की उसे इन दवाइयों का दुष्प्रभाव लिवर या किड्नी पर लगता है पर इन दवाइयों का सबसे ज़्यादा बुरा असर हृदय, पेट व आँत पर पड़ता। हृदय में हृदयघात (हार्ट अटैक) होने की रिस्क ३० - ५० प्रतिशत तक बाद जाती है। पेट व आंत में छाले व उनमें से ख़ून का रिसना, परिमाण स्वरूप शरीर में ख़ून की कमी होना प्रमुख कारणो में है।
Diclofenac - दुनियाभर में सबसे ज़्यादा use होने वाली दर्द निवारक दवाइयों में से है और बहुत आसानी से मिल जाती है इसलिए इससे व अन्य दर्द निवारक दवाओं के हृदय पर होने वाले दुष्प्रभाव से पूरी दुनिया चिंतित है। शोध में बताया गया कि जिन लोगों ने diclofenac लिया उनमें हृदयघात होने की risk पचास प्रतिशत बड़ी हुई पायी उन लोगों के मुक़ाबले जिन ने कोई भी दर्द निवारक दवा ना खायी हो।
गठिया के मरीज़ों में वैसे भी हृदयघात की सम्भावनाएँ आम व्यक्ति के मुक़ाबले अधिक होती है।इसके बहुत से कारण हैं जैसे हृदयघात रिस्क फ़ैक्टर्ज़ का ज़्यादा होना, जोड़ों में सूजन का होना (inflammation), और मरीज़ द्वारा उन दर्द निवारक दवाइयों का इस्तेमाल जो कि हृदयघात की सम्भावनाएँ बड़ाती हैं। कुछ रिस्क factors बदले नहीं जा सकते हैं, कुछ बदले जा सकते हैं ख़ास तोर पर दवाई का selection। सही सिलेक्शन से बहुत हद तक हृदय पर होने वाले दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है। गठिया में दर्द निवारक गोलियों से सिर्फ़ दर्द में आराम मिलता है, बीमारी ठीक नहीं होती। गठिया में बीमारी ठीक करने की ताक़त रखने वाली दवाइयाँ उपलब्ध हैं जिन्हें हम ‘disease modifying एंटी रूमैटिक ड्रग’ कहते हैं। इनके इस्तेमाल से गठिया में होने वाली जोड़ों की सूजन में आराम मिलता है और दर्द में भी आराम हो जता है। गठिया के ठीक होने के लिए मरीज़ को दर्द निवारक दवाइयों कि सेवन करने की ज़रूरत नहीं होती।
दर्द की दवाई को मेडिसिन में “NSAID” कहते हैं जिसका पूरा नाम “नॉन स्टेरोईडल एंटी इन्फ़्लैमटॉरी ड्रग” है। यह प्रमुखतय दर्द व इन्फ़्लमेशन कम करने के काम आती है।
NSAID के साथ aspirin का लेना - पेट व आँत में नुक़सान पहुँचते हैं, aspirin की दिल पर होने फ़ायेदे व platelet चिपकने को रोकने की प्रक्रिया को रोकते हैं।
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