आप सभी जानते हैं कि अभी कोरोना की महामारी फैल रही है और इससे पूरा विश्व प्रभावित है। इस महामारी से बचने के लिए सभी देश की सरकारें अपने नागरिकों को यही हिदायत दे रही है की बहूत ही ज़रूरी हो तो घरों से बाहर निकले वरना अपने आप को घर पर ही सीमित रखते हैं। इस कारण से जो मरीज़ पुरानी बीमारी से ग्रसित हैं वह भी घरों में बंद हैं। वह डॉक्टरों को अस्पताल में दिखाने में भी संकोच कर रहे हैं।
अलग अलग बीमारियों के मरीज़ों के लिए अलग अलग संस्थाएं समय समय पर दिशा निर्देश जारी कर रही है। यह कोरोना बीमारी इतनी नयी है कि इसमें हर दिन नए दिशा निर्देश जारी हो रहे हैं ।
गठिया बाय व इम्यून सिस्टम की बीमारियां से पीड़ित मरीज़ों के लिए भी दुनिया भर की संस्थाएं समय समय पर दिशा निर्देश जारी कर रही है।
अभी तक कोई ऐसा कोई ठोस आधार नहीं मिला है जिससे ये कहा जाए कि गठिया व इम्यून सिस्टम की बीमारी से पीड़ित मरीज़ों में कोरोना वायरस के संक्रमण की संभावना ज़्यादा है या उससे होने वाले गंभीर लक्षण।
विश्व के अनेक संगठनों द्वारा गठिया व इम्यून सिस्टम की बीमारियों के मरीज़ों, जिनको कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं हुआ है, के लिए सुझाव है की वह अपनी दवाएँ बंद ना करें। गम्भीर ऑटो इम्यून बीमारियों से पीड़ित मरीज़, जो स्टेरॉयड्स के नियमित सेवन पर हैं उनको सुझाव दिया जाता है की इसे तुरंत बंद न करें और अपने डॉक्टर से सलाह से जितनी कम मात्रा में बीमारी को नियंत्रण करने की ज़रूरत हो उतनी मात्रा की जा सकती है। जिन मरीज़ों को अस्पताल में भर्ती होकर नसों के द्वारा दवाइयां दी जाती है वह मरीज़ चमड़ी या मांस में इंजेक्शन द्वारा दी जाने वाली दवाइयों पर शिफ़्ट हो सकते हैं। गठिया व इम्यून सिस्टम की बीमारियों से पीड़ित नए मरीज़ों, जिनको कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं हुआ है, उनके लिए दवाइयाँ शुरू ना करना या कुछ समय के लिए टालना, ऐसा सुझाव नहीं दिया जाता है। इलाज उसी तरह से करने का सुझाव है जैसा कि महामारी न होने पर किया जाता था।
गठिया व इम्यून सिस्टम की बीमारियों से ग्रसित मरीज़ अगर कोरोना संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आया हैं तो इन परिस्थितियों में स्वास्थ्य संस्थाओं का निर्देश है कि गठिया की दवाइयां 2 हफ़्ते के लिए बंद की जा सकती है। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन व सल्फ़ासलाजिन को छोड़ सभी दवाएँ दो हफ़्ते बंद कर देनी चाहिए।
गठिया व इम्यून सिस्टम की बीमारी से ग्रसित मरीज़ को अगर कोरोना का संक्रमण हो गया है तो ऐसे मरीज़ों को सभी तरह की गठिया में दी जाने वाली दवाइयां को, जब तक संक्रमण के लक्षण पूरी तरह से ख़त्म न हो जाए, तब तक शुरू नहीं करनी चाहिए।
गठिया व इम्यून सिस्टम की बीमारियां से पीड़ित मरीज़ जो कोरोना वायरस से संक्रमित हो कर ठीक हो गए हैं उन्हें लक्षण ख़त्म होने के 14 दिनों बाद अपनी दवाएँ लेना शुरू कर देना चाहिए।
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