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गठिया में संजीवनी का नाम - "बायोलोजिक दवाएँ"

Writer's picture: drashishchopradrashishchopra

गठिया बाय - इम्यून सिस्टम की बीमारी है । गठिया बाय में मरीज़ आमतोर पर दर्द निवारक दवा का प्रयोग करते हैं । दर्द निवारक दवा से सिर्फ़ दर्द में आराम आता है मगर बीमारी पर असर नहीं होता गठिया के इलाज के लिए डिज़ीज़ मॉडिफ़ायइंग दवाइयाँ उपलब्ध हैं जिनसे बीमारी को ठीक किया जा सकता है । इन डिज़ीज़ मॉडिफ़ायइंग दवाइयाँ से ही गठिया का इलाज किया जाता रहा है और मरीज़ के जोड़ की सूजन को ठीक किया जाता है


गठिया के जोड़ो में सूजन होने का कारण शरीर में बन रहे इन्फ़्लैमटॉरी केमिकल्ज़ होते हैं। गठिया के मरीज़ों में इन्फ़्लैमटॉरी केमिकल्ज़ की मात्रा, जोड़ों में सूजन ठीक करने वाले एंटी-इन्फ़्लैमटॉरी केमिकल्ज़ की तुलना में कहीं ज़्यादा होती है ।


बायोलॉजिक दवाइयाँ क्या है?

बायोलॉजिक दवाइयाँ, एक प्रकार की नयी दवाइयाँ हैं जो गठिया के इलाज में दी जाती हैं । बायोलॉजिक दवाइयाँ - उन हानिकारक इन्फ़्लैमटॉरी केमिकल्ज़ को बाँध कर निष्क्रिय कर देती हैं - जिससे की इन केमिकल्ज़ का दूष्प्रभाव जोड़ों व अन्य अँगो पर रोका जा सकता है


१, बायोलॉजिक दवाइयाँ अन्य दवाइयों से किस तरह अलग है

बायोलॉजिक दवाइयाँ, जीवित कोशिकाओं में उत्पन की जाती हैं इसलिए यह एक तरह के प्रोटीन की बनी होती हैं । अन्य दवाएँ जो की बाज़ार में उपलब्ध हैं वह केमिकल रीऐक्शन से बनायी जाती हैं ।

२, कौन कौन सी बायोलॉजिक दवाइयाँ बाज़ार में उपलबड हैं?

बाज़ार में उपलब्ध बायोलॉजिक दवाइयाँ - etanercept, infliximab, rituximab, adalimumab, golimumab, tofacitinib, secukinumab, tocilizumab व अन्य


३, बायोलॉजिक दवाइयाँ किस तरह की गठिया में दि जाती हैं?

बायोलॉजिक दवाइयाँ बाय वाली गठिया (रूमटॉड arthritis), सोरीयटिक आर्थ्राइटिस, एंकायलोसिंग सपोंडलिटिस, लूपस, बच्चों की गठिया (जुवेनाइल आर्थ्राइटिस) आदि

४, बायोलॉजिक दवाइयाँ किस तरह के मरीज़ों में दी जाती है?

आमतोर पर गठिया के इलाज में प्रयोग होने वाली दवाइयों में methotrexate नामक दवा प्रमुखता से इस्तेमाल की जाती है। अन्य दवाइयों में hydroxychloroquine, sulfasalazine, leflunomide आदि दवाएँ गठिया के मरीज़ों को दी जाती है। जिन मरीज़ में इनके उपयोग के बावजूद गठिया का दर्द व सूजन नहीं ठीक होता, यह दवाएँ मरीज़ को नहीं भा रही होती, इन दवाओं के इस्तेमाल से मरीज़ को हानि होने की सम्भावनएँ हों तो गठिया विशेषज्ञ (rheumatologist) की सलाह से इन बायोलॉजिक दवाइयाँ का उपयोग किया जा सकता है ।

५, बायोलॉजिक दवाइयाँ किस तरह से शरीर में दी जाती है?

बायोलॉजिक दवाइयाँ इंजेक्शन के रूप में उपलब्ध हैं जो कि मासपेशियों में लगाया जाता है, कुछ नसों द्वारा saline ड्रिप में लगाया जाता है। tofacitinib टैब्लेट के रूप में उपलब्ध है

६, बायोलॉजिक दवाइयाँ से पहले किन तरह के टेस्ट करने होते हैं?

बायोलॉजिक दवाइयाँ के इस्तेमाल से पहले शरीर में इन्फ़ेक्शन की जाँच की जाती है खासतोर पर tuberculosis व वाइरल इन्फ़ेक्शन की।

७, किन मरीज़ों में बायोलॉजिक दवाइयाँ का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए ?

- गर्भावस्था में, शरीर में मोजूद इन्फ़ेक्शन में, गम्भीर दिल की बीमारी में

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